तालिबानी सजा: ग्रामीणों ने भाई-बहन को पेड़ से बांधकर कोड़े मारे, दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज

खंडवा
मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के पिपलोद के बामंदा गांव में तालिबानी सजा देने के मामला सामने आया है। जहां एक भाई के अपनी बहन के घर मिलने जाने पर गांव वालों ने चरित्र शंका के चलते भाई-बहन को तालिबानी सजा देते हुए एक पेड़ से बांधकर करीब एक घंटे तक लकड़ियों और कोड़े से पीटा।

पिपलोद थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बामन्दा गांव में रहने वाली कलावती के घर उससे मिलने उसका भाई ज्ञानलाल पहुंचा था। झारीखेड़ा के रहने वाले दोनों भाई बहन के पिता बिहारीलाल काजले ने दो शादियां की थीं, जिससे अलग-अलग पत्नियों से भाई ज्ञानलाल और बहन कलावती हैं। बहन अपने पति के साथ बामन्दा गांव में रहती है, जिस वक्त भाई ज्ञानलाल मिलने पहुंचा था उस समय बहन कलावती का पति रमेश घर पर मौजूद नहीं था। ऐसे में कुछ गांव वालों ने देख कर इसे गलत समझ लिया कि कोई अनजान शख्स महिला से मिलने पति की गैर मौजूदगी में आया है, इसी बात को लेकर दोनों से विवाद करते हुए उन्हें एक पेड़ से रस्सियों से बांध दिया और उनकी लकड़ियों के साथ ही कोड़े मारकर पिटाई की।

हंगामे के दौरान गांव में लोगों की भीड़ भी जुट गई। उनमें से किसी ने महिला कलावती के पति रमेश को भी फोन पर घटना की सूचना दे दी। पति रमेश ने आरोपियों को समझाया भी कि वे आपस में रिश्तेदार हैं। उसे मत पीटो। लेकिन तालिबानी सोच में डूबे गांव वालों ने रमेश की बात को भी अनसुना कर दिया। आरोपी एक घंटे तक दोनों को पीटते रहे। मौके पर भीड़ तमाशबीन बनी रही। इसी दौरान किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पहुंची डायल 100 ने आरोपियों के चंगुल से छुड़वाकर दोनों भाई-बहन को अस्पताल पहुंचाया। पहली पत्नी से बेटी कलावती और दूसरी पत्नी से बेटा ज्ञानलाल का जन्म हुआ। दोनों रिश्ते में एक-दूसरे के भाई-बहन लगते हैं। कलावती की शादी बामंदा गांव में रहने वाले रमेश से हुई है।

पिपलोद थाने के टीआई हरे सिंह रावत ने बताया कि झारीखेड़ा निवासी ज्ञानलाल पिता बिहारीलाल काजले (21) की शिकायत पर बामंदा गांव के रामदास मंगतू, दयाराम टीकाराम व ईश्वर उर्फ हनू के खिलाफ केस दर्ज किया है। ज्ञानलाल के पिता ने दो शादी की थी। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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