उज्जैन रेलवे स्टेशन के नए डिजाइन को रेलवे की मंजूरी, 825 करोड़ की लागत से होगा रीडेवलपमेंट

उज्जैन

उज्जैन में महाकाल लोक के बाद उज्जैन रेलवे स्टेशन के रीडेवलपमेंट की तैयारी शुरू हो गई है। 825 करोड़ के स्टेशन रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के नए नक्शे को केंद्रीय रेल मंत्री की स्वीकृति मिल गई है। नए प्रोजेक्ट के मुताबिक भवन की इमारत का प्रवेश द्वार भगवान शिव के त्रिनेत्र के आकार में बनेगा। यात्रियों के प्रवेश के लिए तीसरा नेत्र खुला रहेगा। जबकि बाकी दोनों नेत्रों से बाहर निकलने का रास्ता बनेगा। संभावना है कि आने वाले समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर और उज्जैन रेलवे स्टेशन रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की आधारशिला रख सकते हैं।

अक्टूबर 2022 में उज्जैन को महाकाल लोक की सौगात मिली थी। महाकाल की नगरी में आने वाले यात्रियों और शहरवासियों को अब रेलवे स्टेशन का नया स्वरूप देखने को मिलेगा। इसमें भगवान शिव के त्रिनेत्र स्टेशन के एंट्री और एग्जिट गेट्स की तरह बनाए जाएंगे। दो मुख्य नेत्र बाहर निकलने के रास्ते होंगे जबकि तीसरा नेत्र प्रवेश द्वार की तरह बनाया जाएगा।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उज्जैन रेलवे स्टेशन का नया नक्शा पास कर दिया है। साथ ही उसके डिजाइन की भी खूब सराहना हुई है। फिलहाल प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद प्राथमिक तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। इस प्रोजेक्ट की संभावित लागत 825 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

अधिकारियों के अनुसार स्टेशन का यह नवीनीकरण प्रोजेक्ट पूरा होने में लगभग 3 साल का समय लग सकता है। हालांकि, प्रोजेक्ट के अंतर्गत उज्जैन स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाने या पिट लाइन बनाने जैसी कोई योजना नहीं है। फिलहाल प्रोजेक्ट को लेकर विभिन्न तैयारियां हो रही हैं और जल्द ही इंदौर के साथ उज्जैन रेलवे स्टेशन रीडेवलपमेंट के टेंडर भी बुलाए जाएंगे।

सिंहस्थ और महाकाल लोक के निर्माण के बाद उज्जैन में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की भीड़ में काफी इजाफा हुआ है। एक ओर महाकाल लोक के दूसरे चरण का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है, वहीं रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण की यह योजना उज्जैन की भव्यता बढ़ाने के साथ पर्यटकों को लुभाने और सहूलियत देने में कारगर साबित होगी।

इंदौर और उज्जैन रेलवे स्टेशन के विकास कार्य समानांतर चलने की उम्मीद जताई जा रही है। शिव भक्तों की पसंदीदा उज्जैन नगरी का रेलवे स्टेशन भी अब शिवमय नजर आएगा। त्रिनेत्र की थीम पर होने वाला नया कंस्ट्रक्शन श्रद्धालुओं को रोमांचित करेगा।

रतलाम रेल मंडल के दोनों सबसे महत्वपूर्ण स्टेशन इंदौर और उज्जैन स्टेशन रीडेवलपमेंट योजना में शामिल किए गए हैं। छोटे स्टेशनों का विकास अमृत भारत स्टेशन योजना में होना है, जिनमें लक्ष्मीबाईनगर, रतलाम, देवास, नागदा, मंदसौर, दाहोद और नीमच समेत 16 स्टेशन शामिल हैं।

इसी के साथ उज्जैन को वंदे भारत ट्रेन की सौगात भी मिलेगी। 27 जून को भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से मध्य प्रदेश की दूसरी व तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू होंगी जो क्रमशः रानी कमलापति से इंदौर और रानी कमलापति से जबलपुर तक चलेंगी। इनमें से रानी कमलापति से इंदौर जाने वाली वंदे भारत ट्रेन उज्जैन से होकर गुजरेगी।

 

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