शहबाज शरीफ के बयान के बाद पाक PMO की सफाई, जब तक आर्टिकल 370 की बहाली नहीं, भारत संग बातचीत नहीं

 इस्लामाबाद 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी को बातचीत के लिए पहले संदेश भेजा और फिर चंद घंटों में ही अपनी बात से पलट गए। पाकिस्तानी पीएमओ से आया बयान दिखाता है कि उनकी विदेश नीति कितनी कमजोर है। देश का टॉप लीडर भी किस तरह सेना के दबाव में कार्य करता है। शरीफ के बयान के कुछ घंटों बाद ही पीएमओ की तरफ से बयान जारी करके उनकी बात को सिरे से नकार दिया गया। पीएमओ ने अपने बयान में कहा, 'प्रधानमंत्री की बातों का गलत मतलब निकाला गया है। उन्होंने स्पष्ट किया था कि भारत से तभी बातचीत हो सकती है जब 5 अगस्त 2019 को उठाया गया कदम वापस लिया जाए और जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35A बहाल किया जाए।'

बता दें कि दुबई के अल अरेबिया टीवी को इंटरव्यू देते हुए शहबाज शरीफ ने कहा था, हमने सबक ले लिया है, हम भारत के साथ शांति से रहना चाहते हैं। भारतीय लीडरशिप और पीएम मोदी को मेरी तरफ से संदेश है कि आइए मेज पर बैठते हैं और कश्मीर जैसे मुद्दों पर समझदारी से बातचीत करते हैं। उन्होंने कहा था, भारत और पाकिस्तान पड़ोसी हैं और एक दूसरे के साथ ही रहना है। अच्छा होगा कि हम शांति के साथ रहें। हमने भारत के साथ तीन युद्ध लड़े और इससे सबक ले लिया है कि युद्ध से केवल बेरोजगारी और गरीबी ही मिली। हम शांति के साथ रहते हैं और दिक्कतों का हल निकालना चाहते हैं। 
 
शहबाज ने पीएम से की थी क्या अपील
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा था, हम चाहते हैं कि गरीबी खत्म हो। हम लोगों को शिक्षा देना चाहते हैं और रोजगार देना चाहते हैं। बम और गोला बारूद पर अपने संसाधन नहीं बर्बाद करना चाहते। यही संदेश मैं पीएम मोदी को भी देना चाहता हूं कि हम दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। अल्लाह ना करे कि फिर युद्ध हो। अगर ऐसा हुआ तो शायद कोई यह बताने के लिए जिंदा ही ना रहे कि आखिर क्या हुआ था। 

पाकिस्तान ने कैसे मारी पलटी
जब शहबाज शरीफ के गिड़गिड़ाने का मामला चर्चा में आ गया और सोशल मीडिया पर छाने लगा तो पाकिस्तानी पीएमओ को सफाई पेश करनी पड़ गई। पीएमओ की तरफ से कहा गया कि शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान की नीति के मुताबिक ही बात कही है। कश्मीर के साथ ही कई मुद्दों को हल करना चाहिए लेकिन इसके लिए 5 अगस्त 2019 के पहले की स्थिति बहाल करनी पड़ेगी। इस मुद्दे का हला जम्मू-कश्मीर की जनता की इच्छा और यूएन रिजोल्यूशन के मुताबिक होना चाहिए। 

गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को ही भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। इसके अलावा अनुच्छेद 35A भी हटा दिया गया था। इसके बाद राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो हिस्सों में बांट दिया गया। इन दिनों पाकिस्तान का ये हाल है कि वह आर्थिक  और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। लोगों को खाने के लाले पड़े हैं। इसके अलावा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान बड़ी चुनौती बनकर सामने खड़ा है। जिस आतंकवाद को पाकिस्तान पनाह देता आया है आज वही नासूर बन गया है। 

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