नहीं बेची शराब की एक भी बोतल, फिर भी तेलंगाना सरकार ने कमा लिए 2600 करोड़ रुपए से ज्यादा

तेलंगाना
 तेलंगाना सरकार ने शराब के एक बोतल बेचे बिना ही 2600 करोड़ रुपए की कमाई की है। यह जानकारी तेलंगाना में आबकारी विभाग ने दी। दरअसल सरकार को यह कमाई राज्य की 2620 शराब की दुकानों के आवंटन के लिए किए गए आवेदन से हुई है। दुकानों के लिए 1.32 लाख आवेदन आए, हर आवेदक से 2-2 लाख रुपए (नॉन रिफंडेबल) आवेदन शुल्क के तौर पर जमा कराए गए थे। सोमवार (21 अगस्त) को लॉटरी के माध्यम से शराब की दुकानों का आवंटन किया जाएगा।
 
सरकार ने राज्य में शराब की दुकानों के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 18 अगस्त रखी थी। आखिरी दिन 56,980 लोगों ने आवेदन किया, इससे पहले 17 अगस्त को 56,980 आवेदन किए गए। शराब की 2620 दुकानों के लिए कुल 1,31,490 आवेदन आए। हर दुकान के लिए करीब 50 आवेदन आए हैं, इनमें से किसी एक को लॉटरी के जरिए दुकान का आवंटन किया जाएगा। तेलंगाना सरकार को राज्य में शराब की दुकानों के आवंटन के लिए आवेदन शुल्क के रूप में 2,639 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। आबकारी विभाग 1 दिसंबर 2023 से नवंबर 2025 तक शराब की दुकान के लिए लाइसेंस देगा।

2014 में तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से इस साल अब तक सबसे अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इससे पहले साल 2021 में लाइसेंस के लिए 69,000 आवेदन प्राप्त हुए थे और इससे सरकार को 1,350 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी। नियमों के तहत 5000 तक की आबादी वाले क्षेत्र में शराब की दुकान के लिए 50 लाख रुपए का भुगतान करना होगा। वहीं उससे अधिक आबादी वाले क्षेत्र में दुकान के लाइसेंस के लिए हर साल 1.1 करोड़ का रुपए तक का भुगतान करना होगा।
 
दुकानों के आवंटन में आरक्षण
कुल 786 दुकानें गौड़, एससी और एसटी को आवंटित की जाएंगी जबकि गौड़ समुदाय के लोग, जो परंपरागत रूप से ताड़ी निकालने और शराब की बिक्री के पेशे में रहे हैं, को शराब की दुकानों में 15% आरक्षण दिया गया है। वहीं 10% दुकानें अनुसूचित जाति के लिए और 5% दुकानें अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की गई हैं।

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