देवास में पीएम आवास योजना के लिए आवंटित राशि का दुरूपयोग, 45 अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज हुआ मामला

देवास
 मध्य प्रदेश के देवास जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के लिए आवंटित राशि के दुरूपयोग के मामले मे कार्रवाई शुरू हो गई है। विभिन्न विभागों के कम से कम 45 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि पीएम आवास योजना के लिए आवंटित राशि फर्जी बिल लगाकर निकाली गई और उन्हें दूसरे खातों में ट्रांसफर किया गया। पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता दीपक जोशी ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कार्रवाई की मांग की थी।

लोकायुक्त जांच के बाद कार्रवाई

पुलिस की जांच में सामने आया है कि पिछले कुछ वर्षों से फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपये का गबन करने का गठजोड़ चल रहा था। कार्रवाई राज्य सरकार के लोकायुक्त विभाग की एक जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई, जिसमें खुलासा हुआ कि देवास में अधिकारियों और कर्मचारियों ने 2017 से 2022 के बीच पीएमएवाई के लिए अवैध रूप से धन हस्तांतरित किया और इसका दुरूपयोग किया।

फर्जी बिल बनाकर निकाले गए पैसे

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, प्रारंभिक जांच की गई और तथ्यों की पुष्टि होने के बाद जांच रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए लोकायुक्त कार्यालय को भेज दी गई। जांच रिपोर्ट के मुताबिक पीएमएवाई के तहत गरीब लोगों के लिए किफायती आवास के लिए बड़ी राशि न केवल बैंक खातों से निकाली गई, बल्कि विभिन्न खातों में स्थानांतरित भी की गई। उस पैसे का फिर फर्जी बिल बनाकर निजी हितों के लिए दुरूपयोग किया गया।

दीपक जोशी ने पीएम मोदी को लिखी थी चिट्ठी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने इस मुद्दे को उठाया और अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी। जोशी ने 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले पर ध्यान देने की मांग की थी। इसके बाद राज्य प्रशासन हरकत में आया और सरकारी अधिकारियों सहित 45 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

पार्टी के लोगों ने जोशी पर लगाए आरोप

जोशी ने आरोप लगाया कि जब भी उन्होंने इस मामले को उठाया, उनकी ही पार्टी के कुछ नेताओं ने राजनीति करने और बीजेपी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का आरोप लगाया। इसके बाद भी वे चुप नहीं रहे क्योंकि उनके पिता मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कैलाश चंद्र जोशी बागली सीट से आठ बार चुनाव जीत चुके हैं। लोगों का उन पर भरोसा है। वर्तमान में यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है, लेकिन लोग जब भी कोई समस्या होती है तो लोग उनके पास आते हैं।

पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

जोशी ने यह भी दावा किया कि मध्य प्रदेश पुलिस की कार्रवाई दो दिन पहले पीएम मोदी को लिखे उनके पत्र के सोशल मीडिया पर आने के बाद हुई। उन्होंने कहा, पिछले एक साल में मैंने इस मुद्दे को कई बार राज्य भाजपा नेतृत्व, मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के सामने उठाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बजाय राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें पार्टी की छवि को खराब करने का दोषी ठहराया गया। जब दो लोग शिकायत दर्ज कराने गए तो स्थानीय पुलिस ने उन पर झूठे आरोप लगा दिए।

सतना में भी गड़बड़ी के आरोप

हालांकि, यह पहला ऐसा उदाहरण नहीं है जब मध्य प्रदेश में पीएमएवाई के तहत किफायती आवास के लिए धन के गबन की सूचना मिली है। कुछ महीने पहले सतना जिले से भी ऐसे मामले सामने आए थे।

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