महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव: कांग्रेस उम्मीदवार सुधीर तांबे ने चुनावी दौड़ से हटने की घोषणा की

महाराष्ट्र 

महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए उस समय असहज स्थिति पैदा हो गई जब पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार सुधीर तांबे ने गुरुवार को चुनावी दौड़ से हटने की घोषणा की और कहा कि उनका बेटा वर्तमान में उनके निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेगा। परिषद के स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव 30 जनवरी को होंगे और गुरुवार को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन था।

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के पूर्व अध्यक्ष बालासाहेब थोराट के रिश्तेदार सुधीर तांबे पिछले तीन कार्यकाल (18 वर्ष) से महाराष्ट्र विधान परिषद में नासिक डिवीजन स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और पार्टी ने उन्हें फिर से नामित किया गया था। चुनाव से हटने की घोषणा करते हुए तांबे ने कहा कि उनके बेटे सत्यजीत चुनाव लड़ेंगे क्योंकि पार्टी ने राजनीति में युवाओं को बढ़ावा देने का फैसला किया है। 

हालांकि, सत्यजीत तांबे ने बृहस्पतिवार को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया और दावा किया कि वह तब भी कांग्रेस से जुड़े हुए थे, जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से समर्थन मांगा था। सुधीर तांबे ने कहा, 'युवा विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और इसलिए पार्टी ने नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से सत्यजीत तांबे जैसे युवाओं को मैदान में उतारने का फैसला किया है। तकनीकी समस्या यह है कि पार्टी ने मेरे नाम पर 'एबी' (नामांकन) फॉर्म दिया था, लेकिन हमने पार्टी नेतृत्व को पहले ही बता दिया था कि सत्यजीत चुनाव लड़ेंगे।'  'एबी' फॉर्म चुनाव में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार को इंगित करता है।

सुधीर तांबे ने कहा, 'मैंने अपने चुनाव नहीं लड़ने संबंधी फैसले के बारे में पार्टी नेतृत्व को पहले ही बता दिया गया था। हमने यह फैसला पूरे विश्वास से लिया है। सत्यजीत तांबे महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे।' एमवीए विपक्षी गठबंधन है जिसमें कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) शामिल हैं। सत्यजीत तांबे ने पत्रकारों से कहा, 'आप सभी जानते हैं कि राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (भाजपा नेता) का मुझसे बहुत स्नेह है। मैं कामना करता हूं कि चुनाव में भाजपा मुझे वोट दे।'

उन्होंने कहा, 'मेरे पिता सुधीर तांबे ने नासिक डिवीजन में शिक्षकों और स्नातकों के हितों की रक्षा के लिए कई वर्षों तक अथक प्रयास किया है। अगर मुझे विधान परिषद का सदस्य बनने का मौका मिलता है तो मैं उनके काम को आगे बढ़ाना चाहता हूं।' यह पूछे जाने पर कि क्या मतदान से पहले वह किसी कांग्रेस की राज्य इकाई के किसी नेता से मिलने का इरादा रखते हैं, उन्होंने नहीं में जवाब दिया। सत्यजीत तांबे ने कहा, 'जब मैं अभी भी उसी पार्टी का हिस्सा हूं तो मुझे कांग्रेस नेताओं से मिलने की कोई जरूरत नहीं दिखती। मुझे उम्मीद है कि चुनाव में (विपक्षी एमवीए सहयोगियों के अलावा) मुझे भाजपा के भी वोट मिलेंगे।'

भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने कहा कि वह सत्यजीत तांबे को समर्थन देने पर विचार कर सकती है। भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'अगर तांबे हमसे संपर्क करते हैं और हमारा समर्थन मांगते हैं, तो हम इस पर विचार कर सकते हैं। भाजपा राज्य के सभी हिस्सों में अपना जनाधार मजबूत करने की कोशिश कर रही है। नासिक संभाग में हमारे पास एक मजबूत चेहरा नहीं है, इसलिए हम उन्हें अपना समर्थन दे सकते हैं। राजनीति में, एक और एक का दो होना जरूरी नहीं है, लेकिन यह 11 हो सकता है।'
 

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