सरकार चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकती है, सात वर्षों में पहली बार होगा

नई दिल्ली
चीनी के निर्यात को लेकर सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। भारत सरकार अक्टूबर में शुरू होने वाले चीनी के निर्यात पर बैन लगा सकती है। सरकार देश में मौजूद चीनी मिलों को आदेश दे सकती है कि वह चीनी का निर्यात ना करें। अगर सरकार ऐसा कोई फैसला लेती है तो आपको बता दें कि 7 साल पहले सरकार ने चीनी के निर्यात पर बैन लगाया था। इसकी जानकारी रॉयटर्स के हवाले से मिली है। आपको बता दें कि सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।

इस साल बे-मौसम बारिश की वजह से गन्ने के पैदावर कम हुई है। अगर वैश्विक चीनी बाजार में भारत का स्थान नहीं होता है तो न्यूयॉर्क और लंदन के बेंचमार्क पर सीधा असर पड़ेगा। न्यूयॉर्क और लंदन के बेंचमार्क की कीमतें बढ़ सकती है। आपको बता दें कि कई सालों से चीनी की कीमत उच्चतम स्तर पर था। चीनी के निर्यात पर बैन लगने की वजह से वैश्विक खाद्य बाजारों में महंगाई  बढ़ सकती है। हमारा प्राथमिक ध्यान स्थानीय चीनी आवश्यकताओं को पूरा करना है और बाकी के गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन करना है। अगर सरकार ने निर्यात पर पाबंदी नहीं लगाई तो आने वाले सीजन में हमारे पास पर्याप्त चीनी नहीं होगी। इस वजह से चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगानी पड़ सकती है।

इस साल चीनी का उत्पादन बाकी वर्ष की तुलना में 50 फीसदी कम था। भारत में अधिकतर चीनी का उत्पादन पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्य कर्नाटक से होता है। इस साल भारी बारिश की वजह से गन्ने के उत्पादन में कमी आई है। इसके अलावा देश में गन्ने का रोपण भी कम हुआ है। इस महीने चीनी की कीमतों में भी तेजी देखने को मिली है। आपको बता दें कि इस हफ्ते चीनी की कीमत लगभग दो साल में सबसे ज्यादा हुआ था। इसी के साथ देश में खुदरा महंगाई दर में भी तेजी देखने को मिली है।   

 

एनवीडिया ने रिकॉर्ड 6.1 अरब डॉलर का मुनाफ़ा कमाया, गेमिंग मुख्यधारा में आई

सैन फ्रांसिस्को
ग्राफिक्स चिप की दिग्गज कंपनी एनवीडिया ने दूसरी तिमाही में 6.188 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया है जो पिछले साल की इसी तिमाही से 843 फीसदी की ज्यादा है।

कंपनी ने 30 जून को समाप्त तिमाही में 13.51 अरब डॉलर का राजस्व दर्ज किया, जो एक साल पहले की तुलना में 101 प्रतिशत और इस साल की पहली तिमाही से 88 प्रतिशत अधिक है। गेमिंग राजस्व भी साल-दर-साल आधार पर  22 प्रतिशत बढ़कर 2.48 अरब डॉलर तक पहुंच गया। कंपनी ने डेटा सेंटर का राजस्व 10.32 अरब डॉलर बताया, जो एक साल पहले की तुलना में 171 प्रतिशत अधिक है।

एनवीडिया के संस्थापक और सीईओ जेन्सेन हुआंग ने कहा, “एक नया कंप्यूटिंग युग शुरू हो गया है। दुनिया भर में कंपनियां सामान्य प्रयोजन से त्वरित कंप्यूटिंग और जेनरेटिव एआई की ओर बदलाव कर रही हैं।” कंपनी को उम्मीद है कि अगली तिमाही में राजस्व 16 अरब डॉलर होगा।

एनवीडिया के कार्यकारी उपाध्यक्ष और मुख्य वित्तीय अधिकारी कोलेट क्रेस ने कहा, “एनवीडिया त्वरित कंप्यूटिंग और एआई प्लेटफार्मों की जबरदस्त मांग है। हमारे आपूर्ति भागीदार हमारी जरूरतों को पूरा करने के लिए क्षमता बढ़ाने में असाधारण रहे हैं।

“हमें उम्मीद है कि अगले साल तक प्रत्येक तिमाही में आपूर्ति बढ़ेगी। भौगोलिक आधार पर अमेरिका में डेटा सेंटर की वृद्धि सबसे मजबूत थी क्योंकि ग्राहक एआई और त्वरित कंप्यूटिंग में पूंजी निवेश कर रहे हैं।” उपभोक्ता इंटरनेट कंपनियों ने भी एनवीडिया की बहुत मजबूत मांग को बढ़ाया।

एनवीडिया मई में अस्थायी रूप से जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल में एक लाख करोड़ डॉलर की कंपनी बन गई थी।

 

 

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