ताइवान मामले में US को फ्रांस ने दिया जोरदार झटका, साथ आने को तैयार नहीं

 पैरिस

ईरान और इराक का मुद्दा रहा हो या फिर यूक्रेन और रूस का। दुनिया के कई ऐसे टकराव के मामलों में यूरोप हमेशा से ही आंख मूंदकर अमेरिका का साथ देता रहा है। लेकिन इस बार ऐसे ही एक मुद्दे पर यूरोप अमेरिका को झटका देता नजर आ रहा है। चीन और ताइवान के मामले पर फ्रांस ने स्पष्ट कह दिया है कि इस तरह से अमेरिका की हर बात मानना यूरोप को केवल नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने कहा है कि यूरोप को ताइवान के मुद्दे से दूरी बना लेनी चाहिए। फ्रांस के राष्ट्रपति की इस पात को अमेरिका के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

चीन के मुरीद इमैनुएल मैक्रों

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इन दिनों चीन मुरीद नजर आ रहे हैं। वह हाल ही में चीन की यात्रा पर गए थे। उन्होंने कहा है कि चीन और फ्रांस के बीच सहयोग की बड़ी संभावनाएं हैं। वहीं उन्होंने यूरोपीय देशों से अमेरिका के बारे में खास अपील की है। मैक्रों ने कहा कि यूरोपीय देशों को अपनी निर्भरता अमेरिका पर कम करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऊर्जा, हथियारों और अन्य मामलों में अमेरिका पर निर्भरता कम करनी चाहिए। इसके अलावा ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच जो टकराव चल रहा है उससे खुद को बचाकर रखना चाहिए। उन्होंने अमेरिका को यहां तक सुना डाला कि जिसका अपना घर नहीं संभल रहा है वे दूसरों के मामले में दखल दे रहे हैं।

यूक्रेन और रूस के युद्ध की ओर भी इशारा करते हुए मैक्रों ने कहा कि यूरोप उन खतरों में फंस जाता है जो कि वास्तव में उसके हैं ही नहीं। उन्होंने कहा, हमें हर बात में अमेरिका का अनुसरण करना छोड़ना चाहिए और अपने फैसले खुद करने चाहिए। उन्होंने कहा कि ताइवान के मुद्दे पर चीन और अमेरिका दोनों से ही दूरी बनाना उचित है। आपको खुद ही सोचना चाहिए कि क्या ताइवान मामले को तूल देना किसी के हित में है?

बता दें कि 5 से 7 अप्रैल तक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और मैक्रों साथ ही थे। फ्रांस ऐसा पहला पश्चिमी देश है जिसने आपचारिक रूप से चीन के साथ राजनयिक संबंध बनाए हैं और आपसी साझेदारी को लेकर संवाद स्थापित किया है।

ताइवान के पास युद्धाभ्यास कर रहा चीन
ताइवान को लेकर चीन हमेशा कुछ ना कुछ ऐसी हरकत करता रहता है जिससे यह मुद्दा गरम रहे। चीन का दावा है कि ताइवान उसका अपना क्षेत्र है। चीन ताइवान को संप्रभु राष्ट्र नहीं मानता है। अब चीन ने ताइवान के पास ही युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है। वहीं चीन ताइवान को लेकर अन्य देशों को भी धमकाता रहता है। बीते साल अमेरिका की हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ गया था।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button