भाजपा में बड़े फेरबदल की तैयारी, सरकार का भी बदलेगा स्वरूप; इन राज्यों की बढ़ेगी हिस्सेदारी

 नई दिल्ली 

लोकसभा चुनावों की तैयारियों को गति देने में जुटी भाजपा में इस माह के आखिर में कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं। पार्टी की 16-17 जनवरी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संगठन में बदलावों के साथ मंत्रिपरिषद में बदलाव की अटकलें हैं। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अभी तक एक बार ही विस्तार और फेरबदल हुआ है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए एक और विस्तार की संभावना जताई जा रही है। इस महीने के दूसरे पखवाड़े की शुरूआत भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से होगी। महीने के आखिर में संसद का बजट सत्र शुरू होगा। अगले साल लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार का बजट चुनावी दृष्टि से सबसे अहम होगा। इसमें होने वाली घोषणाओं पर सबकी नजर रहेगी। इस बीच सरकार को भी नया रूप दिए जाने की संभावना है। सामाजिक एवं राजनीतिक समीकरणों के साथ विभिन्न राज्यों और वर्गों के प्रतिनिधित्व के मद्देनजर प्रधानमंत्री अपनी सरकार में कई नए लोगों को जगह दे सकते हैं। कुछ को हटाया भी जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार बजट सत्र शुरू होने के पहले इस बारे में विचार किया जा सकता है। गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी की शानदार जीत और हिमाचल प्रदेश विधानसभा एवं दिल्ली नगर निगम चुनावों में हार के मिले जुले नतीजों को देखते हुए फेरबदल किए जाने की संभावना जताई जा रही है। साथ ही कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे चुनावी राज्यों में राजनीतिक जरूरतों के अनुसार भी बदलाव हो सकता है। फेरबदल होने की स्थिति में जदयू और शिवसेना कोटे से मंत्री रहे नेताओं के इस्तीफे से भी खाली हुए स्थान को नए सहयोगियों से भरा जा सकता है। इसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है। चिराग पासवान के साथ बढ़ रही नजदीकियों को देखते हुए उनके लिए जगह बन सकती है।

भाजपा में इन राज्यों के नेताओं की जिम्मेदारी बदलने की संभावना
सूत्रों के अनुसार भावी रणनीति के तहत पूर्व मुख्यमंत्री कर्नाटक से बी एस येदियुरप्पा, गुजरात से विजय रूपाणी के अलावा छत्तीसगढ़ से रमन सिंह, राजस्थान से वसुंधरा राजे और मध्य प्रदेश से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय राजनीति में आ सकते हैं। इनमें येदियुरप्पा को संसदीय बोर्ड में शामिल भी किया जा चुका है, जबकि कुछ केंद्रीय पदाधिकारी हैं। इसके अलावा कुछ नेताओं को केंद्रीय राजनीति से राज्यों में भी भेजा जा सकता है। ओडिशा में भाजपा सत्ता के लिए अपने विकल्प को मजबूत कर रही है। वहां पर स्थितियां बनने पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राजस्थान में गजेंद्र सिंह शेखावत, मध्य प्रदेश में नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद पटेल को भेजा जा सकता है।
 

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