कागजों में जमीन खाली, हकीकत में अतिक्रमण; अब लैंड ऑडिट कराएगी अथॉरिटी

नईदिल्ली

नोएडा के विकास को और रफ्तार देने के लिए नोएडा प्राधिकरण के पास कागजों में काफी एरिया खाली पड़ा हुआ है, जबकि हकीकत में जमीन पर कब्जा हो चुका है। ऐसे में अलग-अलग प्रयोग की जमीन की सटीक जानकारी के लिए नोएडा प्राधिकरण ने लैंड ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने आदेश जारी कर कंपनी का चयन करने के निर्देश दिए हैं। लैंड ऑडिट डिटेल मैपिंग के जरिए कराया जाएगा।

लैंड ऑडिट से फायदा होगा कि प्राधिकरण को पता चल जाएगा कि उसके पास आवासीय, औद्योगिक, संस्थागत, व्यावसायिक प्रयोग के लिए कितनी जमीन है और कितने पर कब्जा है। इस जमीन पर योजनाएं लाकर उनसे कितना राजस्व को प्राधिकरण मिल सकेगा, इसका आंकलन भी किया जा सकेगा। खास बात यह है कि अभी स्थिति से ये है कि प्राधिकरण के पास कब्जे वाली जमीन का सटीक आंकड़ा नहीं है। प्राधिकरण के रिकार्ड में कागजों पर काफी जमीन खाली है जबकि मौके पर कब्जा हो रखा है।

नोएडा करीब 16200 हेक्टेयर में बसा हुआ है। इसमें से करीब शहर के आंतरिक हिस्से में करीब 3 हजार हेक्टेयर पर सरकारी जमीन पर कब्जा है। ग्रीन बेल्ट पर इमारतें खड़ी हो गई हैं। इनमें सेक्टरों व गांवों के बीच की बेशकीमत जमीन भी शामिल है जो अरबों रुपए की है। शहर में सरकारी जमीन लगातार घिरती जा रही है। कब्जा करने वाले लोग शुरूआत में झुग्गी-झोपड़ी डालकर इसकी शुरूआत करते हैं। झुग्गियों के जरिए कब्जाधारी लाखों रुपये किराए के रूप में कमा रहे हैं। कुछ समय बाद वहां पर बहुमंजिला इमारतें खड़ी हो रही हैं।

इन जगह पर सबसे ज्यादा अतिक्रमण हुआ

पिछले सात-आठ सालों में काफी तेजी से सरकारी जमीनों पर कब्जा हुआ है। जानकारों ने बताया कि सरकारी जमीन पर सफार्बाद, गढ़ी चौखंडी, छिजारसी, ममूरा, बरौला, भंगेल, सलारपुर, चौड़ा, गिझौड़, हरौला, नयाबांस, बख्तावरपुर, नंगली-वाजितपुर, आदि गांवों में बड़ी संख्या में कब्जे हो रहे हैं। मुआवजा उठा चुके लोगों ने जमीन कब्जा रखी है। इसके अलावा भूमाफिया ने भी जमीन पर कब्जा कर रखा है।

सीएजी भी कब्जा का खुलासा कर चुका

सीएजी ने वर्ष 2017 तक नोएडा में सरकारी जमीन पर हो रखे कब्जे की जांच की थी। सीएजी रिपोर्ट के तहत ही नोएडा में 45 लाख 26 हजार 464 वर्ग मीटर जमीन पर अतिक्रमण है। इसकी अनुमानित कीमत एक खरब, 63 अरब 85 करोड़ 79 लाख 96 हजार आठ सौ रूपये है। सबसे ज्यादा कब्जा प्राधिकरण के वर्क सर्किल-9 और 10 एरिया में हो रखा है। खास बात यह है कि सीएजी की यह कब्जे की रिपोर्ट अधिकारियों के सर्वे पर कागजी रिकॉर्ड के तौर पर है।

शहर में सरकारी जमीन पर अवैध कॉलोनी बन गई

शहर में इस समय गांवों और सेक्टरों के बीच स्थित सरकारी जमीन पर व्यक्तिगत रूप से कब्जे के साथ-साथ अवैध कॉलोनी भी काटी जा रही है। इसमें सफेदपोश लोग भी शामिल हैं। लोग आए दिन इसकी शिकायत प्राधिकरण में कर रहे हैं। इसके बावजूद अफसर बेखबर होकर अपने कामकाज में लगे हैं। हिंडन और यमुना के डूब क्षेत्र में काफी अवैध निर्माण हो रखे हैं।

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने कहा, 'नोएडा में लैंड ऑडिट कराने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। डिटेल मैपिंग के जरिए ऑडिट कराया जाएगा। बीते सालों में हुए ड्रोन से सर्वे की रिपोर्ट को भी इसमें शामिल करेंगे। इससे जमीन की सही स्थिति पता चलेगी।'

ऑडिट कराने को लेकर अब तक सिर्फ दावे हुए

खास बात यह है कि सरकारी जमीन पर तेजी से कब्जे हो रहे हैं, इसके बावजूद प्राधिकरण स्तर से कोई सख्ती नहीं बरती जा रही है। बीते कुछ सालों से प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री व नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रहे अधिकारी लगातार ऑडिट कराने का दावा करते आ रहे हैं, लेकिन शुरुआत अभी तक नहीं हुई है। लोगों का कहना है कि ऑडिट कराने से अफसर क्यों पीछे हट रहे हैं, यह भी संदेह पैदा करता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button