झांसी में निकली अनूठी कांवड़ यात्रा, जल कलश की जगह पौधे लेकर चले कांवड़िए

झांसी
सावन के महीने में झांसी में एक अनोखी कावड़ यात्रा निकाली गई. इस कांवड़ यात्रा में शिव भक्त हर हर महादेव के नारे लगा रहे थे, बैंड बाजे के धुन पर नाच रहे थे. लेकिन, शिव भक्तों के कंधे पर जो कावड़ था, उसमें जल से भरा हुआ कलश नहीं बल्कि पौधे थे. कावड़ यात्रियों ने पर्यावरण संरक्षण और कचरा प्रबंधन का संदेश देने के लिए इस कावड़ यात्रा का आयोजन किया. झांसी के बुंदेलखंड महाविद्यालय से लेकर ऐतिहासिक सिद्धेश्वर मंदिर तक यह यात्रा निकाली.

इस कावड़ यात्रा में पुरुष कांवड़ियों ने कंधे पर वृक्ष वाले कांवड़ उठा रखे थे तो वहीं महिलाओं ने भी सिर पर कलश रखकर यात्रा निकाली. इस कलश में वृक्ष रखे हुए थे. कांवड़ यात्रा में शामिल एक महिला भक्त ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है. इस कावड़ यात्रा के माध्यम से हम लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने का संदेश दे रहे हैं. पेड़ ऑक्सीजन के साथ ही जल संरक्षण को भी बढ़ावा देते हैं.

पर्यावरण संरक्षण का दिया गया संदेश
जिला जनकल्याण महासमिति द्वारा आयोजित इस कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. महासमिति के अध्यक्ष डॉ जितेंद्र तिवारी ने कहा कि इस कांवड़ यात्रा के माध्यम से हम वृक्षारोपण के साथ ही कचरा प्रबंधन और जल संरक्षण का भी संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं. सिद्धेश्वर मंदिर पर लोगों को 1100 पेड़ वितरित किए गए. लोगों से कहा गया कि वह इन पौधों का ख्याल अपने घर के सदस्य की तरह ही रखें.

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